Instant Loan (तत्काल ऋण) क्या होता है ? What is instant loan? इंस्टेंट का हिंदी में मतलब होता है फटाफट, झटपट या तुरंत, तो इंस्टेंट लोन का अर्थ हुआ फटाफट या झटपट में मिलने वाला लोन. जी हां, आपने सही समझा, मोबाइल और इंटरनेट के जमाने में यह संभव हुआ है कि अब फटाफट लोन मिल जाता है. यदि आपको अभी तुरंत पैसों की जरूरत है तो आप पर्सनल लोन के तहत इंस्टेंट लोन यानी फटाफट लोन ले सकते हैं.
Instant Loan (तत्काल ऋण) क्या होता है ? What is instant loan?
क्या इंस्टेंट लोन नहीं चुकाने पर देना पड़ता है फाइन ?
ऐप के जरिए इंस्टेंट लोन बांटने वाली फिनटेक कंपनियों (Fintech Companies) पर भारतीय रिजर्व बैंक( RBI) ने सख्ती की है. भारतीय रिजर्व बैंक ने इनपर कई नियम और शर्तें लगा दी हैं.
डिजिटल लोन सेवाओं को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए ऐसा किया गया है.असल में ये कार्रवाई कई शिकायतों के की गई. इन शिकायतों में डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म (Loan App) की ओर से ज्यादा ब्याज लेने और वसूली के दौरान उसके एजेंटो के अनुचित तरीकों के अपनाने और अन्य उत्पीड़न की शिकायते सामने आने पर की गयी.
रिजर्व बैंक ने डिजिटल लोन एजेंट की तरह काम करने वाली ऐसी कंपनियों की गड़बड़ी पर बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी)को कड़ी हिदायत दी है.
सख्त निर्देश :
बैंकों, एनबीएफसी और ऐप से इंस्टेंट लोन प्रदान करने वाली कंपनियों से कहा गया है कि वे अपनी वेबसाइटों पर इस बारे में ग्राहकों को पूरी जानकारी दें.भारतीय रिजर्व बैंक( RBI) ने निर्देश दिया है कि कर्ज की मंजूरी मिलने के तुरंत बाद कर्ज लेने वाले को बैंक या एनबीएफसी के लेटरहेड पर एक पत्र जारी करना चाहिए.
इंस्टेंट लोन (instant loan ) कंपनियों की कहानी
मोबाइल एप से इंस्टेंट लोन(instant loan ) यानी की ‘फ़टाफ़ट‘ लोन एक प्रकार से मुसीबत है ? समय पर लोन न चुकाने पर रिकवरी एजेंट आपकी नींद हराम कर देगा.
वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के कारण अधिकांश लोगों के सामने वित्तीय संकट उत्पन्न हो गया. महीनों तक चले लॉकडाउन के कारण बड़े बड़े कारोबार बर्बाद हो गये.लॉकडाउन के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई.
इस दौरान कई लोगों ने मोबाइल एप का रुख़ किया जो ‘इंस्टेंट-लोन(instant)‘ यानी फ़टाफ़ट से लोन प्रदान करते हैं.कई लोग तो लॉकडाउन शुरू होने से पहले ही लोन लिया था. उन्हेंक्या पता था कि लॉकडाउन लगने वाला है.सो लोगो बेझिझक लोन लिया.
लेकिन इंस्टेंट लोन (instant loan ) यानी की ‘फ़टाफ़ट‘ लोन उनके लिए गले की हड्डी साबित हो गयी थी. इंस्टेंट लोन (instant loan ) लेने वालों की नींद और चैन हराम हो गयी थी.
लेकिन लॉकडाउन में लाखों लोगों की नौकरी छीन गयी.कारोबार चौपट हो गये. एक बड़े वर्ग ने आर्थिक तंगी झेलनी शुरू की और उधर एप लोन रिकवरी ऐजेंट लोगों को परेशान करना शुरू किया.
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कैसे लें इंस्टेट लोन/तुरंत ऋण कैसे लें ? How to get instant loan ?
इंस्टेंट लोन (instant loan ) लेना है बहुत आसान है. इन एप से लोन लेना तो बहुत आसान है लेकिन. आमतौर पर किसी सरकारी या ग़ैर-सरकारी बैंक से लोन लेने के लिए कई तरह के दस्तावेज़ जमा करने होते हैं, वेरिफिकेशन करानी होती है लेकिन इस ऐप से लोन लेना चुटकी बजाने जितना आसान है.
लोग सिर्फ़ अपने बैंक अकाउंट की डिटेल, एक पहचान पत्र, और रेफ़रेंस देकर चंद मिनटों बाद लोन अपने ख़ाते में प्राप्त कर सकते हैं. ऐप सेऑनलाइनलोन बहुत कम अवधि के लिए दिया जाता है.
एप से ऑनलाइन कम से कम 1000- 200 रूपये से लेकर 2(दो) से पांच लाख तक प्रदान किया जाता है.लेकिन लोन चुकाने की अवधि एक सप्ताह से लेकर चार से छह महीने तक ही होता है.
एप से लोन प्रदान करने वाली कंपनी लोगों से वन-टाइम-प्रोसेसिंग फ़ीस वसूल करती है. हालांकि ये वन-टाइम-प्रोसेसिंग फ़ीस ब्याज दर की तुलना में तो कुछ भी नहीं होता है. क्योंकि लोन देने वाले ऐप 30% से भी अधिक के इंटरेस्ट रेट पर लोन दिया करते हैं.
यदि आप ब्याज दर की तुलना बैंकों के ब्याज दरोसे करें तो यह कम से कम दुगने से भी अधिक है.
इंस्टेंट लोन (instant loan ) के लिए अप्लाई कैसे करें ? How to apply for Instant Loan
ये कंपनियां बैंक के लिए निर्धारित मानकों के अनुसार काम नही करते हैं. हालांकि इसकी काफी शिकायत आने पर भारतीय रिजर्व बैंक ने कई इंस्टेंट लोन प्रदान करने वाली कंपनियों को बैन कर दिया.
कई लोगों ने इन ऐप पर नियमों के उल्लंघन और लोन वसूल करने के लिए अनुपयुक्त तरीक़े अपनाने का आरोप लगाया है. वित्तीय अपराधों की जांच करने वाला प्रवर्तन निदेशालय भी अब मनी ट्रेल स्थापित करने के लिए आगे आया है.
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हाल ही में गूगल ने भी अपने गूगल-प्लेस्टोर से ऐसे कई ऐप्स हटा दिये हैं जिन्हें लेकर इस तरह की शिकायतें मिली थीं. सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इनमें से कई ऐप तो ऐसे भी थे जो भारतीय रिजर्व बैंक से पंजीकृत भी नहीं थे.
नियमों के उल्लंघन और पंजीकरण से जुड़े इन मामलों के सामने आने के बाद से लोगों को चेतावनी जारी की गई है कि वे ऐसे लोन प्रदान करने वाली कंपनियों से दूर रहें।
जानकारो का कहना है कि एक बार जब कोई लोन ले लेता है तो उनका डेटा ऐसे ही लोन देने वाले दूसरे ऐप के साथ भी शेयर हो जाता है. इसके बाद शुरू होता है भंवर में फंसते जाने का सिलसिला.
लोन लेने के बाद रिकवरी एजेंट्स के कॉल इस क़दर आने शुरू होते हैं कि उनसे छुटकारा पाना मुश्किल हो जाता है.
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बहुत से दूसरे ऐप्स की तरह ये लोन ऐप्स भी डाउनलोड के समय पर कॉन्टेक्ट और फ़ोटो गैलरी के एक्सेस के लिए आपसे पूछते हैं.जब लोन लेने वाला शख़्स इसके लिए रज़ामंदी दे देता है तो फिर ये और अधिक जानकारी मांगने लगते हैं.
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साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों की राय :
साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों का कहना है कि ये ऐप वास्तव में ना केवल आपकी कॉन्टेक्ट लिस्ट को पढ़ते हैं बल्कि उनकी पहुंच में काफी कुछ आ जाता है.वे आपकी फ़ोटोज़, वीडियो और लोकेशन पर भी नज़र रख रहे होते हैं. वे आपके बारे में काफी कुछ जान चुके होते हैं,
जैसे कि आपने इस पैसे का इस्तेमाल कहां किया है या फिर आपने किसे ये पैसे ट्रांसफ़र किये हैं.वो कहते हैं, “इस तरह के ऐप्स चलाने वाली अदृश्य इकाइयां मुख्य तौर पर आपके डेटा पर नज़र रखती हैं और इस डेटा को बेचकर पैसे बना सकती हैं.” वो कहते हैं- उनकी नज़र आपके पर्सनल डेटा पर होती है और वो इससे पैसे बना सकते हैं.
ये डेटा बेचा जा सकता है और दूसरे अपराधियों से शेयर भी किया जा सकता है यहां तक कि डार्क वेब पर भी.वो कहते हैं कि उन्हें एक ही सर्वर पर होस्ट किये गए ऐप्स का
क्लस्टर मिला.जिसे एक ही डेवलेपर ने प्रोग्राम किया था और इस बात के भी साक्ष्य मिले कि उनमें से कई एक ही सोर्स साझा कर रहे थे.
विशेषज्ञ कहते हैं कि जब तक क़ानूनन इन पर लगाम नहीं लगती तब तक जागरुकता फैलाकर ही इन लोन ऐप्स के क़हर को रोका जा सकता है.
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मोबाइल से ऑनलाइ इंस्टेट लोन पीड़ितों की कहानी:
एक पड़ित ने बताया कि उसने लॉकडाउन के दौरान मोबाइल एप से मात्र छह हजार रूपये (6000) इंस्टेंट लोन (instant loan ) लिया.आर्थिक तंगी के कारण समय पर लोन नही चुका पाया.
जिसके बाद लोन कंपनी की ओर से पूरे दिन में करीब 50 से अधिक फोन कॉल आने लगे. उसने कहा कि हद तो तब हो गयी जब कंपनी ने उसके मोबाइल फोन में दर्ज उसके यारो और रिश्तेदारो की सूची उसके व्हाट्स ऐप पर भेज दिया और फिर धमकी दी यदि वो एक घंटे के भीतर रूपये जमा नही करेगा तो वह उसके रिश्तोदारो और दोस्तों को फोन कर वसूली करेगा.
यह धमकी सुनकर उसके होश उड़ गये.एक अन्य ने बताया कि वो ऐसे ही कॉल की वजह से बेहद परेशान हो चुका था.उसने कहा कि इसके चलते वो ना तो अपने काम पर ध्यान दे पा रहा था और ना परिवार पर.
उसे धमकी भरे फ़ोन कॉल आने लगे थे.धमकी देकर रिकवरी ऐजेंट ने कहा कि अगर आज
पैसों का भुगतान नहीं किया तो मैं आपके दोस्तों और रिश्तेदारों को कॉल करने जा रहा हूं. इसके बाद, आपको अफ़सोस होगा कि आपने कभी लोन लेने का फ़ैसला किया था.
एक अन्य ग्राहक ने बताया कि लोन रिकवरी ऐजेंट दिन कई बार अलग-अलग नामों से फोन करते थे.कॉल करने के साथ ही वो उन पर चिल्लाने लगते.कई बार वो धमकी तक दे देते और बहुत बार अपमानजनक शब्दों का भी इस्तेमाल करते.
आरोप है कि एक ऐसे ही अन्य के मामले में उसने लोन ऐप से पैसे उधार लिये और जब वो लोन चुका नहीं सका तो उन्हें कई दूसरे लोगों की तरह धमकाया जाने लगा. और लोन एप रिकवरी एजेंट ने उसे इतना परेशान किया कि उसे आत्महत्या करना पड़ा.
एक पीड़िता का कहना है कि वह अपने अनुभव साझा कर लोगों को इसके बारे में बताए ताकि वो भी फर्जी फटाफट लोन एप से सावधान रहे.
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अर्जेंट पर्सनल लोन/urgent personal loan- मिनटों में पाये
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