पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर कैसे होता है। How Does Personal Loan Balance Transfer Work?

पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर कैसे होता है। How is personal loan balance transferred?  पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर कराना आज के समय में बहुत ही आसान है. आज के समय में अधिकांश बैंक पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा देते हैं.

ऋणी यानी की लोन धारक अपने सुविधा के हिसाब से किसी दूसरे बैंक या गैर वित्तीय संस्थान (NBFC) लोन ट्रांसफर कराने को लेकर बात कर सकते हैं. अगर लोनधाकर को वर्तमान बैंक से कम ब्याज दर और अन्य सुविधाओं पर दूसरे बैंक से लोन मिल सकता है तो वह वर्तमान लोन राशि को दूसरे बैंक में ट्रांसफर करवा सकता है.

लोन ट्रांसफर की प्रक्रिया बैंक द्वारा किया जाता है. इसमें लोन धारक को अधिक परेशानी मोल लेने की जरूरत नहीं पड़ती है. इसे किताबी भाषा में समझे तो बैलेंस ट्रांसफर एक प्रकार का वित्तीय संचार है. इसमें एक व्यक्ति या संगठन से दूसरे व्यक्ति या संगठन के खाते में धनराशि को स्थानांतरित किया जाता है. यह एक सुरक्षित और त्वरित प्रक्रिया है.

Personal Loan Balance Transfer
Personal Loan Balance Transfer

पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर कैसे होता है। How Does a Personal Loan Balance Transfer Work?

बैलेंस ट्रांसफर करने के लिए आमतौर पर निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करने पड़ते हैं:

1.सबसे पहले ट्रांसफर करने वाले बैंक और प्राप्त करने वाले बैंक या वित्तीय संस्था के बीच में बातचीत करना पड़ती है.

2. फिर, आपको ट्रांसफर करने के लिए उपयुक्त वित्तीय सेवा का चयन करना होता है जैसे ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग या अन्य दूसरे साधनों का इस्तेमाल.

3. ट्रांसफर करने के लिए आपको प्राप्त करने वाले खाते का विवरण, धनराशि, और किसी भी अन्य आवश्यक जानकारी को दर्ज करना होगा.

4. अंत में आपको ट्रांसफर की पुष्टि करने के लिए अपने पासवर्ड या अन्य सुरक्षा प्रमाण पत्र का उपयोग करना होगा.

ध्यान रहे कि बैलेंस ट्रांसफर के लिए विभिन्न वित्तीय संस्थानों और सेवाओं के लिए अलग-अलग नियम और शर्तें हो सकती हैं.

2.पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर क्या होता है? What is Personal Loan balance transfer?

पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर बैंकिग क्षेत्र में एक टर्म है. इस प्रक्रिया के तहत कोई व्यक्ति अपने पर्सनल लोन के बैलेंस को किसी दूसरे बैंक या एनबीएफसी में ट्रांसफर करते हैं. लोन बैलेंस ट्रांसफर करने की प्रक्रिया बैंक या एनबीएफसी द्वारा किया जाता है.

हांलाकि, इसकी स्वीकृति ऋणी यानी लोन धाकर द्वारा दिया जाता है. लोन धारक किसी खास परिस्थितियों ने लोन प्रदाता को बदलते हैं. पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर करने के कई कारक हो सकते हैं. इसे उदाहरण के तौर पर ऐसे समझा जा सकता है कि आपने एचडीएफसी बैंक से 10 लाख रुपए का पर्सनल लोन तीन वर्ष के लिए लिया.

एचडीएफसी बैंक आपसे 18 प्रतिशत की दर से ब्याज लेता है. आप लोन के ईएमआई से परेशान हो गए. एक वर्ष बाद आपको भारतीय स्टेट बैंक की ओर से पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर का ऑफर मिल जाता है.

यानी एसबीआई आपको ऑफर देता है कि एचडीएफसी बैंक से जो आपने पर्सनल लोन लिया है उसका शेष यानी बैलेंस एमाउंट का भुगतान वह करेगा. यानी की वह पर्सनल लोन बैलेंस का भुगतान कर देगा. फिर नये सिरे से 10 प्रतिशत पर वह शेष राशि पर ब्याज लेगा. इस तरह आपको 8 प्रतिशत ब्याज का फायदा हो गया.

लोन ईएमआई आपको कम भुगतान करना होगा. ऐसे में आपको डायरेक्ट लाभ मिल गया.

3. पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर के क्या लाभ हैं? What are the advantages of Personal Loan balance transfer?

पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर के क्या लाभ हैं?

पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर के कई लाभ हो सकते हैं. यहाँ कुछ मुख्य लाभ हैं:

1. ब्याज दर कम करना: अगर आप अपने पर्सनल लोन के ब्याज दर से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप अपने लोन को किसी दूसरे बैंक या एनबीएफसी में ट्रांसफर कर सकते हैं. इस तरह कम ब्याज दर पर लोन प्राप्त कर सकते हैं. इससे आपकी ब्याज की भुगतान में कमी होगी.

2. भुगतान की सुविधा: अगर आपके पास कई लोन हैं और आपको उन सभी के भुगतान करने में कठिनाई हो रही है, तो आप उन सभी लोन को एक ही स्थान पर जमा करके एक ही भुगतान कर सकते हैं. इससे आपको भुगतान की सुविधा मिलेगी और आपकी वित्तीय प्रबंधन की स्थिति में सुधार होगा.

3. ऋण की अवधि कम करना: अगर आप अपने पर्सनल लोन की अवधि को कम करना चाहते हैं, तो आप उसे एक और वित्तीय संस्था में ट्रांसफर करके अवधि को कम कर सकते हैं. इससे आपको ज्यादा ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़ेगा और आप जल्दी से ऋण को चुका पाएंगे.

4. पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर के क्या नुकसान हैं? What are the disadvantages of Personal Loan balance transfer?

पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर के कुछ नुकसान हो सकते हैं. ये नुकसान निम्नलिखित हो सकते हैं:

1. ट्रांसफर शुल्क: कुछ वित्तीय संस्थाएं बैलेंस ट्रांसफर के लिए शुल्क लेती हैं, जिससे आपके लिए अतिरिक्त खर्च हो सकता है.

2. ब्याज दर: दूसरे बैंक या वित्तीय संस्था की ब्याज दर पहले से अधिक हो सकती है, जिससे आपको अधिक ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है.

3. अवधि की बढ़ोतरी: लोन की अवधि को ट्रांसफर करके बढ़ा दिया जा सकता है, जिससे आपको अधिक ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है. हालांकि, यह कम भी हो सकता है लेकिन एग्रीमेंट पर निर्भर करता है.

4. क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव: लोन को ट्रांसफर करने से आपके क्रेडिट स्कोर पर भी प्रभाव पड़ सकता है, जिसे आपको ध्यान में रखना चाहिए.

5. क्या पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर एक अच्छा विचार है?

पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर कई स्थितियों में उपयोगी हो सकता है. ब्याज दर को बचाने में यह उपयोगी हो सकता है. लोन एमाउंट अधिक है तो ब्याज दर मैटर करता है. ऐसे में यदि ब्याज पर थोड़ा बहुत भी कम हो जाता है तो आप लाखों की बचत कर सकते हैं.

वहीं, आपने एक से अधिक पर्सनल लोन लिया है तो उसे एक साथ मर्ज कर सकते हैं. इसके लिये पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर सबसे उपयुक्त है.

निष्कर्ष: सभी तथ्यों पर गौर करने पर नतीजा यही निकलता है कि पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर लोगों के लिए काफी लाभदायक है. ऋणी यानी पर्सनल लोन धारक को किसी तरह के लाभ का अवसर तो मिलता है. वरना बैंक या कोई अन्य वित्तिय संस्थान ग्राहकों की जेब खाली करने पर आमदा होता है.

बैंको में खासकर प्राइवेट बैंक या ऐप लोन वाली कंपनियों का बस चले तो अपने ग्राहकों को निचोड़ कर अपने कारोबार को आगे बढ़ाए. हालांकि, विपरीत परिस्थितियों में यह भी लोगों के लिए कई बार बहुत कामगर साबित होता है.

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