लोन मोरेटोरियम (loan moratorium)रिस्ट्रक्चरिंग 2.0. लोन के चक्रव्यूह में फंसे कर्जदार कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण यदि अपने लोन का ईएमआई(EMI) नहीं भर पा रहे हैं, तो उनके लिए कुछ अच्छी खबर है.
क्या मिलेगा लोन मोरेटोरियम का लाभ?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कोरोना के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे कर्जदार, कारोबारियों, पेशेवर लोगों को राहत देने के लिए 6 मई को रिस्ट्रक्चरिंग प्लान 2.0 की घोषणा की.
यह योजना पिछले साल आरबीआई (RBI) के द्वारा 6 महीने के लिए दिए गए, लोन मोरटोरियम (Loan Moratorium) का विस्तार है.इसमें बैंकों को लोन अवधि 2 साल तक बढ़ाने की अनुमति दी गयी थी.
loan – moratorium |
बैकों के जानकारों के अनुसार वर्तमान में आरबीआई (RBI) द्वारा रिस्ट्रक्चरिंग प्लान 2.0 ,पुरानी ही योजना का विस्तार है.
इसके तहत व्यक्तियों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) से वसूल नहीं हो पा रहे कर्जों के पुनर्गठन की छूट देने की घोषणा की गई है.आरबीआई ने विभिन्न सेक्टर्स को राहत उपलब्ध कराने के लिए रिजोल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 का ऐलान किया है.
इसके तहत 25 करोड़ रुपये तक का लोन लेने वाले व्यक्ति , छोटे कारोबारियों, लोन रिस्ट्रक्चरिंग का लाभ उठा सकते हैं.हालांकि, इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें भी है.इस शर्त के मुताबिक इस योजना का लाभ उन्हे नही मिलेगा जो पहले इसका लाभ ले चुके हैं.
यदि किसी ने पहले इस योजना का लाभ उठाया है, तो आरबीआई (RBI) ने बैंक, एनबीएफसी और अन्य लोन प्रदान करने वाली संस्थानों को योजना में संशोधन करने और मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाने की अनुमति दी है.
हालांकि इसके साथ कुछ कठोर शर्ते भी जोड़ी गई है इसमें कहा गया है कि 31 मार्च 2021 को लोन अकाउंट स्टैंडर्ड होना चाहिए.यानी कि 31 मार्च 2021 तक लोन में डिफॉल्ट नहीं होना चाहिए.
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कर्जदारों को अपने संबंधित बैंकों से संपर्क करना होगा.कर्जदार इस तरह से अगले दो (2) साल तक का लोन मोरेटोरियम का लाभ ले सकेंगे.इसके लिए अप्लाई करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर 2021 तय की गई है.
loan – moratorium |
लोन रिस्ट्रक्चरिंग प्लान 2.0 क्या है ?
1.लोन मोरेटोरियम 2 साल के लिए बढ़ेगा
2.बैंक अपनी शर्तों पर लोन रिस्ट्रक्चरिंग करेगा
3. लोन अकाउंट में 31 मार्च 2021 तक डिफॉल्ट नहीं होना चाहिए.
4. इसका लाभ लेने के लिए 31 सितंबर 2021 तक अप्लाई करना होगा.
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण को कम करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है.दिल्ली जैसे कई राज्यों में पूर्ण लॉकडाउन के कारण लोगों, कारोबारियो, उद्यमियों की स्थिति बद से बदतर हो गयी है.
छोटे उद्योग- धंधे, बाजार, दफ्तर सभी बंद पड़े हैं.लोगों की कमाई का जरिया बिल्कुल ठप है.बहुत से ऐसे लोग हैं जो मुश्किल से अपना गुजारा कर पा रहे हैं.ऐसे में उनके लिए अपने कर्ज का ईएमआई चुकाना मुश्किल हो रहा है.
लेकिन दूसरी ओर बैंक और एनबीएफसी अपने ग्राहकों से लोन वसूलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है. पिछले दिनों भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन रिस्ट्रक्चरिंग 2.0 की जो घोषणा की थी,उसके लाभ से बहुत बड़ा तबका वंचित रह गया.जबकि आर्थिक संकट का असर बहुत बड़े जनमानस पर हुआ है.लाखों लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं,जो बैंक में अपने लोन का ईएमआई(EMI) अदा नही कर पा रहे हैं.
loan – moratorium |
ऐसी स्थिति में कई समाजसेवी वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मोरटोरियम का दायरा बढ़ाने की मांग की है.वहीं कई व्यापारिक संगठनों के प्रमुखों ने भी प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और आरबीआई (RBI) को पत्र लिखकर मोरेटोरियम का दायरा बढ़ाने की मांग की है.जिससे अधिक से अधिक लोग इसका लाभ मिल सके.
क्या है लोन मोरटोरियम ?
पिछले, साल मार्च महीने में कोरोना संक्रमण को काबू में करने के लिए संपूर्ण देश में लॉकडाउन लगाया गया था.जिसके बाद सभी आर्थिक गतिविधियां ठप हो गई थी. इसे देखते हुए सरकार ने मोरेटोरियम की घोषणा की थी.
इसके तहत 6 महीने तक यानी मार्च महीने से लेकर अगस्त तक लोगों, कारोबारियों, उद्यमियों व अन्य को सभी तरह को लोनों पर छह महीने तक ईएमआई ( EMI )चुकाने से राहत दी गई थी.
इस योजना का लाभ उन्हें मिला था जिनकी आमदनी पूरी तरह से बंद हो गई थी.बाद में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ब्याज में छूट भी मिली थी.वहीं जिन लोगों ने इस 6 महीने के दौरान समय पर अपने ब्याज चुकाया था .उन्हें कैश बैक का लाभ दिया गया.
इसी समय रिजर्व बैंक ने 6 अगस्त 2020 को बैंकों के लिए एक रिजर्वेशन फ्रेमवर्क 1.0 जारी किया था. जो लोग व कोरोना के कारण प्रभावित हुए थे उन्हें अपने लोन को दो साल तक बढ़ाने की छूट दी गई थी.इसके लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2020 तय की गई थी.
ये भी पढ़ें- ऑनलाइन लोन कैसे लें। How to take loan online?
समाप्त