रिकवरी एजेंटों के खिलाफ शिकायत कहां करें?

वसूली एजेंटों के खिलाफ शिकायत कहां करें? Where to complain against recovery agents? वसूली एजेंट के खिलाफ आरबीआई (Reserve Bank of India) से शिकायत कर सकते हैं. वसूली एजेंट के खिलाफ संबंधित बैंक(Concern Bank)  से शिकायत कर सकते हैं. वहीं, वसूली एजेंट के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं. इसके अलावा सिविल कोर्ट में मानहानी का मुकदमा कर्ज कर सकते हैं.

यही नहीं, उपभोक्ता अदालत (Consumer Court) में भी केस कर सकते हैं. बैंक और लोन लेने वाले के बीच उपभोक्ता का संबंध होता है. ऐसे में क्रेडिट कार्ड ग्राहक, पर्सनल लोन वाले वगैरह भी तो एक उपभोक्ता है. इस तरह एक कंज्यूमर यानी उपभोक्ता होने के नाते आप अपने अधिकार या हक की लड़ाई लड़ सकते हैं.

रिकवरी एजेंट की शिकायत संबंधित बैंक से करें/ Complaint to the bank against the recovery agent

बैंक वसूली एजेंटों के खिलाफ शिकायत करने के कई रास्ते हैं. आप उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर सकते हैं. इसके व्यवस्था के अनुसार आप एक सिस्टम के तहत उसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं. इसमें पहला तो यह है कि वसूली एजेंट के खिलाफ बैंक में शिकायत करें.

बैंक आपकी शिकायत पर अपनी ओर से जांच करेगा और फिर दोषी पाए जाने पर वसूली एजेंट के खिलाफ कार्रवाई करेगा. लेकिन, एक कहावत है कि चूहे की रखवाली को. वहीं, बात एक बैंक अपने रखे एजेंट के खिलाफ कार्रवाई क्यों करेगा. विरले ही देखा गया है कि बैंक वसूली एजेंट के खिलाफ कार्रवाई करता है. यदि कार्रवाई करता भी है तो उसे मामूली रूप से दंडित कर छोड़ दिया जाता है.

सिविल कोर्ट में मानहानि का मुकदमा कर सकते हैं/ You can sue for defamation in civil court

अगर कोई रिकवरी एजेंट ऋणी को उत्पीडि़त करता है तो वह आरबीआइ में शिकायत दर्ज करा सकता है. रिकवरी एजेंट के सभी कॉल, ईमेल और टेक्स्ट संदेशों का रेकॉर्ड रखना चाहिए. इससे उत्पीडऩ साबित करने में मदद मिलेगी. उत्पीडऩ की स्थिति में बैंक या रिकवरी एजेंट के खिलाफ पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.

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रिकवरी एजेंटों के खिलाफ शिकायत

बैंक के खिलाफ अंतरिम राहत और दुरुपयोग के मुआवजे के लिए अदालत में दीवानी निषेधाज्ञा का मुकदमा दायर किया जा सकता है. पीडि़त ऋणी बैंक और रिकवरी एजेंट के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज करवा सकते हैं, यदि उन्होंने आरबीआई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर ऋणी को बदनाम करने की कोशिश की है. यदि ऋण वसूली एजेंट पूर्व अनुमति या सहमति के बिना लोन लेने वाले के घर या दफ्तर में जाता है  तो गैरकानूनी प्रवेश के तहत उसके खिलाफ मुकदमा किया जा सकता है.

उपभोक्त अदालत में केस करें/ Register case in Consumer Court.

बैंक या एनबीएफसी की ओर से लोन वसूली को लेकर सेवा में बरती गयी लापरवाही या गड़बड़ी की शिकायत की जा सकती है. एजेंट या बैंक की ओर से ऐसा व्यवहार्य जिससे आपको आर्थिक नुकसान हुआ हो, तो ऐसे में आप एक्शन ले सकते हैं.वसूली एजेंट और बैंक या एनबीएफसी की ओर से लोन जमा करने को लेकर अनैतिक तरीका अपनाने के मामला भी देखा गया है. वसूली के लिए एजेंट गलत तरीका अपनाते हैं. कई बार ऐसा भी देखा गया है कि आपके द्वारा रुपये जमा करने के बाद भी आपको परेशान किया जाता है. ऐसे में आप कंज्यूमर कोर्ट यानी उपभोक्ता अदालत में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.

आरबीआई से शिकायत कर सकते हैं/ You can complain to RBI.

वसूजी ऐजेंट के खिलाफ आप आरबीआई से शिकायत करें.इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक में उस रिकवरी एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकते हैं  आपकी शिकायत पर शिकायत की जांच करेगा और यदि आपके मामले को सही पाता है तो कभी एजेंट और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी कर सकता है हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया   बैंकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है जिसके एजेंट ने लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया है बैंकों के खिलाफ ऐसे बैंकों के खिलाफ जुर्माना लगाया गया है.

एफआईआर दर्ज करा सकते हैं/ You can file an FIR

यदि आपको लगता है कि वसूली ऐजेंट ने आपके साथ अपराध किया है. उसने आपके साथ जुल्म किया है तो आप बेझिझक इसकी शिकायत पुलिस से कर सकते हैं. पुलिस उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी.

कई बार ऐसा देखा जाता है कि वसूली ऐजेंट हद से ज्यादा ग्राहकों के साथ बदतमीजी करता है. ऐसे में उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत की जा सकती है. आप उस एजेंट के खिलाफ नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत कर सकते हैं. आप लिखित शिकायत दर्ज कर उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा भी दर्ज करवा सकते हैं.

अगर रिकवरी एजेंट वसूली को लेकर आपके मोबाइल फोन पर बार-बार फोन करें, आपके घर पहुंच कर आप से बदतमीजी करें तो आप इसके खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं. अगर आपके रिश्तेदारों को फोन कर उन्हें परेशान कर रहा है तो इसके खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकते हैं.

आपके दफ्तर में कॉल करें, आपके फोन पर धमकी भरा मैसेज भेजे, आपके साथ या आपके परिवार के सदस्यों के साथ गाली गलौज करें, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. वसूली एजेंट यदि आप के साथ दुर्व्यवहार करे तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने में देरी नहीं करना चाहिए. वर्तमान समय में सरकार ने ऐसे वसूली एजेंटो से सख्ती से निपटने के नियम बनाए हैं. वर्तमान में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब भारतीय रिजर्व बैंक ने ठोस कदम उठाए हैं.

लोन वसूली या ऋण वसूली एजेंटों से कैसे निपटें? How to deal with loan recovery or debt collection agents?

लोन वसूली या ऋण वसूली एजेंटों से निपटने के कई रास्ते हैं. यह निर्भर करता है कि आप वसूली एजेंट के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई चाहते हैं. आपके द्वारा की जाने वाली कार्रवाई इस बात पर भी निर्भर करता है कि वसूली एजेंट ने आपके साथ किस स्तर पर गलत किया है.

यदि शारीरिक रूप से नुकसान पहुचाया है यानी की आपके साथ हाथापायी, मारपीट किया है तो ऐसे में पुलिस से शिकायत करनी चाहिए. यह आपराधिक श्रेणी में आता है. किसी अपराध से निपटने के लिए पुलिस ही उचित है. इन मामलों में पुलिस के साथ साथ आरबीआई और संबंधित बैंकों में भी शिकायत कर सकते हैं.

क्रेडिट कार्ड रिकवरी एजेंट उत्पीड़न शिकायत/Credit Card Recovery Agent Harassment Complaint

कोविड-19 के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने वसूली एजेंटों के व्यवहार को देखते हुए वसूली एजेंटों के रवैये को देखते हुए काफी शख्त नियम बनाए हैं. वसूली एजेंटो के खिलाफ कार्रवाई के पहले भी उपाय थे लेकिन अप पहले की अपेक्षा और भी अधिक सख्त कार्रवाई की जा रही है. वसूली एजेंट यदी जरा सा भी आपके साथ गलत करे तो इसकी शिकायत करने से परहेज ना करें. इसके खिलाफ और पुलिस, कोर्ट, बैंक, आरबीआई में शिकायत कर सकत हैं.

रिकवरी एजेंटों के लिए आरबीआई दिशानिर्देश 2022, वसूली एजेंटों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश हिंदी में/ RBI Guidelines for Recovery Agents 2022, RBI Guidelines for Recovery Agents in Hindi.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन रिकवरी एजेंट्स (loan recovery agents) के लिए नियमों को सख्त बना दिया है. आरबीआई ने साफ कहा है कि उसके रेगुलेटरी दायरे में आने वाली सभी एंटिटीज को यह सुनिश्चित करना होगा कि कलेक्शन एजेंट कर्जदारों को परेशान ना करें. किसी भी कर्जदार के साथ गाली-गलौच या हाथापाई नहीं होनी चाहिए.

आरबीआई ने बकाया कर्ज की वसूली करने वाले एजेंटों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किये हैं. इसके तहत वसूली एजेंट सुबह आठ बजे के पहले और शाम सात बजे के बाद कर्जदारों को कॉल नहीं कर सकते हैं. बैंक, गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियां (एनबीएफसी) और संपत्ति पुनर्गठन कंपनियां (एआरसी) से आरबीआई ने साफ शब्दों में कहा है कि कर्ज वसूली संबंधी उसके निर्देशों का ठीक से पालन किया जाए.

आरबीआई ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि विनियमित इकाइयां सख्ती से यह सुनिश्चित करे कि वे या उनके एजेंट बकाया कर्जों की वसूली के दौरान लोन लेने वालों को किसी भी तरह से प्रताड़ित या उकसाया नहीं जाए. यहीं नहीं, आरबीआई ने कर्जदारों को किसी भी तरह का अनवांटेड मैसेज भेजने, धमकी भरा या अनजान नंबर से फोन करने पर भी रोक लगाया है.

आरबीआई के अनुसार वसूली एजेंट कर्जदारों को सुबह आठ बजे के पहले और शाम सात बजे के बाद कॉल भी नहीं कर सकते हैं. आरबीआई ने ये दिशानिर्देश सभी वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों, एनबीएफसी, एआरसी और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए जारी किया है.

आरबीआई ने वसूली एजेंट या रिकवरी एजेंट के लिए गाईडलाइ जारी किए/ RBI issues guidelines for recovery agent or recovery agent.

आरबीआई ने जारी एक अधिसूचना में कहा कि वह रिकवरी एजेंट्स की करतूतों से चिंतित है. बैंक, एनबीएफसी या लोन ऐप कंपनी न तो खुद और ना ही उनके द्वारा रखे वसूली एजेंट कर्ज की वसूली करते समय किसी तरह की डराने-धमकाने वाली हरकत नही कर सकते हैं.

ऋणी से बैंक या एनबीएफसी या लोन ऐप कंपनिया गाली-गलौच या हाथापाई किसी भी हाल में नहीं कर सकता है. साथ ही यह भी कहा है कि बैंक, नॉन-बैंक और दूसरी रेगुलेटेड एंटिटीज उनके रिकवरी एजेंट को कर्जदार के दोस्तों, परिजनों, कार्यालयों के साथ सार्वजनिक रूप से किसी भी तरह की बदतमीजी नहीं कर सकते हैं. यही नहीं उनकी उनकी प्राइवेसी में दखल नहीं दे सकते हैं.

लोन लेने वालों को सोशल मीडिया या मोबाइल या किसी अन्य माध्यम से डराया या धमकाया नहीं जा सकता है. बार-बार नहीं होना चाहिए फोन. रिकवरी एजेंट बार-बार फोन नहीं कर सकते हैं. आरबीआई ने साफ किया है कि यदि कोई भी बैंक या एनबीएफसी या लोन ऐप कंपनी की ओर से इसका उल्लंघन किया जाता है तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा. आरबीआई ने इस बारे में स्पष्ट गाइडलाइन जारी की है. बैंक या एनबीएफसी वसूली के लिए किसी भी बाहुबल का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. ये सब उत्पीड़न के दायरे में आता है.

ऋण वसूली एजेंटों के कार्य/ Functions of Debt Collection Agents.

ऋण वसूली एजेंट का मुख्य कार्य लोन रिकवरी है.लोन रिकवरी एजेंट तय नियम कायदे कानून के अनुसार ऋण वसूली का अधिकार है. ऋण वसूली एक तय निमय कायदे से करने का अधिकार है. यह अधिकार बैंक की ओर से वसूली एजेंटों को दिया जाता है. लेकिन वसूली तय नियम के दायरे में करना होता है. तय मानक के बाहर कोई भी एजेंट ऋण वसूली नहीं कर सकता है.

ऋण वसूली के दौरान ऋणी को किसी प्रकार की यातना, प्रताड़ना या दबाव नहीं डाल सकता है. लोन लेने वाले को प्रताड़ित नहीं कर सकता है. लोन लेने वाला लोन प्रदान करने समक्षम नहीं होने या आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने पर रुपए लौटाने या जमा करने से मना कर सकत है. ऐसी ऐसी स्थिति में लोन एजेंट किसी पर भी दबाव नहीं बना सकता है. जबरदस्ती उससे लोन ईएमआई नहीं वसूल सकता है.

खराब कर्ज वसूली एजेंट/ Bad Debt Collection Agent.

खराब ऋण वसूली एजेंट वह है जो ऋणी से जबरन ऋण वसूल करता है. खराब ऋण वसूली एजेंट ऐसे एजेंट होते हैं जो लोन लेने वाले को तरह-तरह प्रकार से परेशान करते हैं और फिर उन्हें मजबूर करते हैं लोन प्रदान करने के लिए. कस्टमर ईएमआई जमा करने की स्थिति में नहीं होने के बावजूद भी वह दबाव में आकर, तंग आकर लोन या यह ईएमआई देने के लिए मजबूर हो जाता है. ऐसे एजेंट को खराब कर्ज वसूली एजेंट के नाम से जाना जाता है.

वसूली एजेंटों की नियुक्ति द्वारा की जानी चाहिए/Appointment of recovery agents should be done by

ऋण वसूली एजेंटों की नियुक्ति फिलहाल बैंक या एनबीएफसी की ओर से की जाती है. बैंक यह एनबीएफसी सीधे तौर पर ऋण वसूली एजेंटों की नियुक्ति कम ही करते हैं. बैंक या एनबीएफसी ऋण वसूली को लेकर किसी छोटी कंपनी को या बड़ी कंपनी को इसका ठेका दे देते हैं.

एक निश्चित अनुपात में लोन वसूली का ठेका देते हैं. उदाहरण के तौर पर 60 अनुपात 40 के हिसाब से या 70 अनुपात 30 के हिसाब से. इसके तहत कुल वसूली का 60 प्रतिशक हिस्सा बैंक और 40 फीसदी वसूली कंपनी को दे दिया जाता है. इसी तरह 70 फीसदी और 30 फीसदी के हिसाब से कुछ भी हो सकता है.

ऐसी स्थिति में वसूली कंपनी अधिक से अधिक वसूली करने की फिराक में होते क्योंकि जितना अधिक वसूली करेगी उतनी ही अधिक उनकी कमाई होगी. ऐसे में वसूली कंपनी आरबीआई के नियमों को ताक पर रख कर ऋण वसूली में जुट जाते हैं. इस तरह वसूली कंपनी गुंडा बदमाशों की मदद लेकर भी वसूली में जुट जाते हैं.

हाल के वर्षों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई है जब लोन लेने वालों के साथ मारपीट और हत्या तक कर दी गयी है. नियमों के अनुसार रिकवरी एजेंट या लोन वसूली एजेंट के पास बैंक का पहचान पत्र होना चाहिए. वहीं बैंकों को निर्देश हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि रिकवरी एजेंसी के सभी कर्मचारी लोन वसूली कायदे कानून को लेकर कम से कम सौ घंटे का प्रशिक्षण प्राप्त किया हो. इसका आवश्यक प्रमाण पत्र प्राप्त कर रखा हो. अप्रशिक्षित व्यक्तियों को ही रिकवरी एजेंसी रिकवरी एजेंट के रूप में काम पर नहीं ले सकती है.

क्रेडिट कार्ड रिकवरी एजेंटों से कैसे निपटें /How to deal with credit card recovery agents.

यदि लोन रिकवरी एजेंट आपको परेशान करे तो आप सबसे पहले बैंक से इसकी शिकायत करे. आप अपनी आर्थिक परिस्थितियों के बारे में बैंक को अवगत कराएं. इस तरह लोन रिपेमेंट की शर्तों में बदलाव का अनुरोध कर सकते हैं. यदि बैंक 30 दिन के भीतर आपकी शिकायत का निपटारा नहीं करता है तो आप बैंकिंग ओंबड्समैन से शिकायत कर सकते हैं.

यही नहीं आप आरबीआई से भी इसकी शिकायत कर सकते हैं. आरबीआई उस बैंक को निर्देश दे सकता है और खास मामलों में जुर्माना भी लगा सकता है. यदि रिकवरी एजेंट गैर-कानूनी कदम उठाता यानी हाथापाई करता है या कोई चीज उठा ले जाता है तो पुलिस से इसकी शिकायत की जा सकती है. इसके अलावा कर्जदार के पास कंज्यूमर कोर्ट में जाने का भी रास्ता खुला है.

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