महिलाओं के लिए होम लोन लेने के कई फायदे हैं. पिछले कुछ वर्षों के दौरान महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए गये हैं. जैसे- जैसे शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है वैसे- वैसे महिलाएं भी आर्थिक रूप से संपन्न होती जा रही हैं. महिलाएं सेवा क्षेत्र से लेकर कारोबार के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है.
भारत की कई महिलाएं हैं जो विश्व में अपना परचम लहरा रहीं है. उद्योग जगत में भी महिलाएं अपनी अपने आप को स्थापित किया है. इन सबको देखते हुए बैंकिंग संस्थान भी महिलाओं पर फोकस बढा दिया है. महिलाओं में अच्छा अवसर दिखाई दे रहा है. ऐसे में महिलाओं के लिए होम लोन में भी विशेष छूट दिया जाता है.
ऐसा नहीं है कि महिलाओं को दिए जाने वाले होम लोन पर ब्याज दर बहुत कम होता है. ब्याज दर में थोड़ी बहुत छूट दी जाती है. वहीं सारे बैंक ऐसा नहीं करते हैं. कुछ खास बैंक ही महिलाओं के लिए होम लोन पर ब्याज दर में छूट देता है. वैसे सरकार की ओर से महिलाओं को कई मौकों पर छूट दी जाती है.
सरकारी की ओर से स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाती है. टैक्स में महिलाओं के छूट दी जाती है. इस तरह से महिलाओं के घर खरीदने पर पुरुषों की अपेक्षा सस्ता पड़ता है. आइए इस ब्लॉग में जानते हैं कि महिलाओं के लिए होम लोन लेने पर किस तरह से फायदा होता है.
महिलाओं के लिए होम लोन ब्याज दर में छूट
होम लोन के लिए ब्याज दर तकरीबन 6.65 से लेकर 13 प्रतिशत के बीच होता है. सभी बैंकों के होम लोन ब्याज दर अलग- अलग है. वहीं, एक बात और बता दूं कि कई प्राइवेट बैंक सरकारी बैंकों के मुकाबले कम ब्याज दर पर होम लोन प्रदान करता है. देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक भारतीय स्टैट बैंक का होम लोन कई प्राइवेट बैंक के होम लोन से अधिक है.
इसलिए इस भुलावे में मत रहिए कि सरकारी बैंकों का ब्याज दर कम होता है. आजकल प्रावइटे कई बैंक सरकारी बैंकों से अधिक सुविधा प्रदान करता है. महिलाओं को होम लोन ब्याज दर में थोड़ी बहुत छूट मिल जाती है. कई बैंक हैं जो महिलाओं के होम लोन लोन पर कई तरह के ऑफर देते हैं.
तीज- त्योहारों के दौरान महिलाओं के लिए होम लोन में बैंकों द्वारा छूट का ऐलान किया जाता है. होम लोन का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण कारक इसका ब्याज दर है. इसके पीछे कारण यह है कि होम लोन अमूमन लंबी अवधि के लिए लिया जाता है. कम अवधिक के लिए शायद ही लोग होम लोन लेते हैं.
क्योंकि होम लोन का एमाउंट काफी अधिक होता है और आज के इस महंगाई के जमाने में इसका भुगतान करना एक सामान्य व्यक्ति के लिए इतना आसान नहीं होता है. होम लोन अमूमन 5 से 30 वर्ष के लिए लिया जाता है. ऐसे में ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत का ऊपर नीचे भी लोन एमाउंट पर बड़ा असर डालता है.
होम लोन ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी से टोटल लोन एमाउंट में लाखों रुपये का घाटा हो सकता है. ऐसे में अगर महिलाओं के लिए होम लोन में 0.50 प्रतिशत की छूट मिल जाती है तो इसका लाभ लाखों रुपये में होता है. इसलिए महिलाओं के द्वारा लिया जाने वाला होम लोन सस्ता होता.
महिलाओं के लिए लंबी चुकौती अवधि चुनने का विकल्प
होम लोन के लिए एमाउंट अधिक होता है. ऐसे में महिलाओं को को इसके भुगतान में अधिक बोझ न पड़े इसके लिए कई बैंक लंबी चुकौती अवधि का अवसर प्रदान करते हैं. लंबी चुकौती अवधि होने पर होम लोन पर ईएमआई एमाउंट कम हो जाता है. वहीं, भुगतान अवधि कम रखने पर ईएमआई एमाउंट अधिक हो जाएगा.
अधिक ईएमआई होने पर महिलाओं को इसके भुगतान में परेशानी हो सकती है. इसे देखते हुए कई बैंकों की ओर से महिलाओं के होम लोन पर लंबी चुकौती अवधि की सुविधा प्रदान करते हैं.
महिलाओं को स्टांप ड्यूटी में छूट
अलग- अलग राज्यो की सरकार की ओर से महिलाओं के नाम पर मकान का रजिस्ट्री कराने पर अलग- अलग हिसाब से छूट दी जाती है. उदाहरण के तौर पर मध्य प्रदेश में महिलाओं के नाम पर मकन का रजिस्ट्री कराने पर 4 प्रतिशत की छूट मिलती है. मध्य प्रदेश में महिलाओं के घर खरीदने पर 2 प्रतिशत रजिस्ट्री शुल्क भरना होता था.
लेकिन इस छूट को बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया. इस तरह अगर आपका मकान 50 लाख रुपये का है तो इसपर आपको 2 लाख रुपये बचेंगे. ऐसे में महिलाओं के लिए मकान खरीदना सस्ता हो गया. वहीं, शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने के शुल्क अलग- अलग हैं.
शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले रजिस्ट्री शुल्क अधिक है. आपको बता दें कि किसी भी तरह का प्रॉपर्टी खरीदने पर इसका रजिस्ट्री करना होता है. यानी का कानूनी हक आपके नाम पर किया जाता है. यह दस्तावेज बहुत अहम होता है. इसी दस्तावेज के आधार पर प्रॉपर्टी का खरीद फरोख्त होता है. सरकार रजिस्ट्री कराने के नाम पर एक निश्चित शुल्क वसूल करती है. यह शुल्क हर राज्य के लिए अलग अलग है. राज्य सरकार अपने हिसाब से इसे तय करती है.
महिलाओं के लिए होम लोन लेने पर टैक्स में छूट
सरकार ने महिलाओं आर्थिक रूप से अधिक मजबूत बनाने के कई प्रयास किए हैं. इसके तहत एक यह भी हैं कि महिलाओं के होम लोन लेने पर टैक्स में छूट दी जाती है. जानकारी के अनुसार आयकर अधिनियम के तहत धारा 80सी में महिलाओं के घर खरीदने पर डेढ लाख रुपये की छूट दी जाती है.
वैसे तो ये रियायत सभी होम लोन पर मिलता है परंतु महिलाओं के लिए ये विशेष रूप से इस तरह से कारगर है. आयकर नियम के अनुसार महिलाओं के घर खरीदने पर 3 लाख रुपये की सीधी छूट दी जाती है. वहीं, यह छूट पुरुषों को केवल ढ़ाई लाख रुपये है.
महिलाओं के लिए होम लोन प्रधानमंत्री योजना का लाभ
प्रधानमंत्री योजना के तहत भी महिलाओं के उत्थान के लिए कई तरह के लाभ प्रदान किये जाते हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान किया गया है. इसके तहत विधवा, एससी-एसएसटी समुदाय के लोगों के अलावा ट्रांसजेंडर और दिव्यांगों को प्राथमिकता दी गयी है.
इस योजना के तहत भी अलग अलग आय वर्ग की महिलाओं के लिए अलग-अलग छूट की व्यवस्था है. इसके तहत वार्षिक आय 3 लाख रुपये, 6 लाख रुपये और 18 लाख रुपये वर्ग के लोगों के लिए छूट की व्यवस्था की गयी है.
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