होम लोन में आरबीआई का प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट में बड़ी राहत। जानें होम लोन नया नियम

आरबीआई ने प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट में बड़ी राहत दी गई है. क्या है होम लोन का नया नियम ? होम लोन लेने वालों के लिए एक खुशखबरी है. रिजर्व बैंक ने होम लोन ग्राहकों को अच्छी सुविधा दी है.

प्रॉपर्टी लोन चुकाने पर अब ग्राहकों को 30 दिनों के भीतर डॉक्यूमेंट वापस कर दिया जाएगा. अगर बैंक प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट देने में करेगा तो उसे जुर्माना भरना होगा. आरबीआई का नया आदेश होम लोन लेने वालों को लेकर है. अब किसी भी होम लोन लेने वालों को लोन का भुगतान करने के 30 दिनों के भीतर ही प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिल जाएंगे.

NEW RBI Property Document Rules
                                         New RBI Property Document Rules

आरबीआई का प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट में बड़ी राहत। जानें होम लोन नया नियम क्या है

इस संबंध में केंद्रीय बैंक को शिकायत मिल रही थी जिसके बाद ये फैसला लिया गया. नया नियम सभी बैंकों पर लागू होगा. इसके तहत छोटे लोन प्रदान करने वाली फाइनेंस कंपनी, बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, हाउसिंग फाइनेंस कंपनी, सहकारी बैंक, एनबीएफसी (NBFC), सेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनियों के लिए मान्य है.

कहा जा रहा है कि केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई को इस बारे में शिकायतें मिल रही थीं. होम लोन ग्राहकों की ओर से लोन का भुगतान करने या सेटल करने के बाद भी बैंकों और एनबीएफसी आदि के द्वारा प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट समय पर नहीं लौटाए जा रहे थे. ऐसे में विवाद बढ़ता जा रहा था. मामला अदालत तक पहुंच रहा था.
आरबीआई के क्या हैं नियम यानी फेयर प्रैक्टिस कोड?

आरबीआई ने सभी फाइनेंस संस्थानों को अपने ताजे ऑर्डर में शामिल किया है. इस संबंध में आरबीआई पहले से ही नियम स्पषट हैं. इसमें साफ- साफ लिखा है कि यदि ग्राहक प्रॉपर्टी लोन की सारी किस्तें चुका दें या लोन को सेटल करा लें तो ऐसी स्थिति में उन्हें तुरंत प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट लौटा दिए जाने चाहिए.
रिजर्व बैंक कितना दिया समय?

आरबीआई ने संबंधित सभी बैंको में शामिल कमर्शियल बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों, एनबीएफसी को लोन क्लियर होने पर 30 दिनों के भीतर ग्राहकों को सारे ऑरिजिनल डॉक्यूमेंट लौटाने के लिए कहा है. ग्राहकों को सुविधा है कि अब वे अपने ब्रांच जाकर अपने प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट 30 दिनों के भीतर वापस ले सकते हैं.
बैंकों के लिए क्या है हिदायत?
आरबीआई ने सभी बैंकों को हिदायत दी है. इसमें कहा है कि वे लोन के सैंक्शन लेटर में सारे डॉक्यूमेंट को वापस करने की तारीख और जगह के बारे में स्पष्ट उल्लेख करें. किसी परिस्थिति में लोन लेने वाले की मौत हो जाने पर कानूनी उत्तराधिकारी को सारे डॉक्यूमेंट लौने होंगे. इस प्रक्रिया की सारी जानकारी बैंक अपने वेबसाइट पर देगी.

बैंको के खिलाफ कितना लगेगा हर्जाना?

यदि कोई बैंक या फाइनेंस कंपनी 30 दिनों के भीतर अपने ग्राहकों को प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट वापस नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. आरबीआई के नए आदेश के अनुसार बैंक या फाइनेंस कंपनी समय पर दस्तावेज नहीं लौटाता है तो उसके खिलाफ प्रतिदिन पांच हजार रुपये का हर्जाना लगाया जाएगा. यह हर्जाने की रकम ग्राहको को देना होगा.

क्या है आरबीआई प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट नियम। What is RBI Property Document Rules

आरबीआई प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट नियम (RBI Property Document Rules) एक वित्तीय निकाय द्वारा स्थापित नियम हैं जो भारतीय बैंकों द्वारा गृह ऋण और अन्य आपूर्ति वितरण कार्यों को नियंत्रित करने के लिए लागू होते हैं। ये नियम बैंकों को ग्राहकों की आवश्यकताओं और वित्तीय सुरक्षा की देखभाल करने के लिए मानकों और दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए संचालन दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं।

ये नियम गृह ऋण लेने वाले ग्राहकों को उनकी संपत्ति के लिए आवेदन करने और अनुभव करने के लिए सहायता करते हैं। इसमें संपत्ति दस्तावेज़ों की जांच, सत्यापन और विश्लेषण के लिए दिशा-निर्देश शामिल होते हैं। ये नियम ग्राहक और बैंक के बीच संपत्ति वितरण की प्रक्रिया को सुगठित करने में मदद करते हैं।

इन नियमों के अंतर्गत, ग्राहकों को अपनी संपत्ति के लिए आवेदन करने से पहले निम्नलिखित दस्तावेज़ों को प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है:

1. संपत्ति का खरीदारी संबंधित दस्तावेज़ों की प्रतिलिपि
2. संपत्ति के पुराने स्वामी के नाम के विवरण
3. संपत्ति का वार्षिक आय विवरण
4. संपत्ति की स्थिति और आयकर भुगतान के लिए प्रमाणित लेखा
5. संपत्ति की वार्षिक आय और खर्च के विवरण
6. संपत्ति के पुराने ऋणों के विवरण

ये नियम ग्राहकों को उनकी संपत्ति के लिए ऋण के लिए योग्यता की जांच करने में मदद करते हैं और बैंकों को संपत्ति के खरीदारी और ग्राहकों को वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करते हैं.

आरबीआई (Reserve Bank of India) संपत्ति दस्तावेज, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के द्वारा भीतरी निगरानी और नियमों का पालन करने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट्स का संग्रह होता है। इन दस्तावेजों में संबंधित बैंक और संस्थानों की वित्तीय स्थिति, लेन-देन, और अन्य वित्तीय गतिविधियों का विस्तृत जानकारी शामिल होती है।

आरबीआई संपत्ति दस्तावेज का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि आरबीआई और अन्य वित्तीय निगरानी प्राधिकृतियां बैंकों के वित्तीय स्वास्थ्य को मान्यता प्रदान कर सकें और वित्तीय स्थिति को समझ सकें। इसके अलावा, ये दस्तावेज वित्तीय निगरानी को सुनिश्चित करने में मदद करते हैं कि वित्तीय संस्थान नियमों और विधियों का पालन कर रहे हैं या नहीं।

आरबीआई संपत्ति दस्तावेज आमतौर पर वित्तीय निगरानी के उद्देश्यों के साथ निर्मित और प्रस्तुत किए जाते हैं और ये डॉक्यूमेंट्स आरबीआई के नियमों और मानकों के अनुसार तैयार किए जाते हैं। इन दस्तावेजों की सटीक और समय पर प्रस्तुति बैंकों और संस्थानों के लिए जरूरी होती है, ताकि वित्तीय निगरानी और नियमों का पालन किया जा सके.

क्या होम लोन के लिए प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट बैंक में जमा करना आवश्यक है?

होम लोन के लिए प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स को बैंक में जमा करना आमतौर पर आवश्यक होता है। जब आप एक होम लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक या वित्तीय संस्था आपसे प्रॉपर्टी के संबंधित डॉक्यूमेंट्स की प्रतियाँ मांग सकती है। इन डॉक्यूमेंट्स का उद्देश्य यह होता है कि बैंक सुनिश्चित कर सके कि प्रॉपर्टी का वैधता और स्वामित्व साफ़ है, और इसे लोन के खिलाफ जामिन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

कुछ प्रमुख प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स निम्नलिखित होते हैं, लेकिन ये डॉक्यूमेंट्स बैंक और लोन प्रदाता की नीतियों और आवश्यकताओं पर निर्भर करते हैं:

1. सम्पत्ति का स्वामित्व प्रमाणित करने वाले दस्तावेज़, जैसे कि खरीद पत्र, विल, या अद्यतित प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट।
2. पूर्व ऋणों के खिलाफ प्रॉपर्टी का तर्कसंकेत, जैसे कि सम्पत्ति पर रखी हुई हाइपोथेकेशन की कॉपी।
3. अधिग्रहण से संबंधित डॉक्यूमेंट्स, जैसे कि डीड ऑफ ट्रस्ट या विल या वसीयतनामा (अगर लागू हो)।
4. पूर्व की प्रॉपर्टी का वित्तीय इतिहास, जैसे कि चालने वाले पंजीकरण, संपत्ति कर की चलने वाली कॉपी, और आयकर रिटर्न्स की कॉपी।
5. प्रॉपर्टी की अग्रिम कीमत और वर्तमान मूल्य की जानकारी, जो कि आपके होम लोन के विशेषिकरण में महत्वपूर्ण हो सकती है।

यह सुनिश्चित करने के लिए है कि आपके पास सही प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स हैं और बैंक या वित्तीय संस्था की आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं, आपको अपने होम लोन के लिए आवेदन करने के लिए तैयार रहना चाहिए। आपके बैंक या वित्तीय संस्था के संदर्भों को जांचने के लिए उनसे मिलकर सही डॉक्यूमेंट्स की जानकारी प्राप्त करना फायदेमंद होगा.

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